परिचय

कृषि इनपुट अनुदान योजना: बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के माध्यम से किसानों के फसल का नुकसान होने पर उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह नुकसान किसी बीबी नैसर्गिक आपदाओं के कारण हुआ है तो सरकार द्वारा इसका मुआवजा किसानों की दिया जाता है। साथ ही किसानों को कृषि साहित्य खरीदने में भी सरकार द्वारा सहायता की जाती है। यह योजना पूरी तरह से किसानों के लिए बनाई गई है। तो चलिए कृषि इनपुट अनुदान योजना के बारेमें सबकुछ विस्तार से जानते है।

कृषि इनपुट योजना क्या है?

कृषि इनपुट योजना, बिहार सरकार की एक पहल है, जिसके माध्यम से किसानों में नुकसान की भरपाई की जाती है। बेमौसम बरसात, बाढ़, या फिर किसी तूफान या महामारी के कारण यदि किसानों की फसलें खराब हो जाती है, तो ऐसे में सरकार द्वारा उन्हें आर्थिक सहायता दी जाती है। कृषि इनपुट योजना से यह सहायता राशि 45000 या उससे अधिक होती है और इसके अलावा किसानों को बीज, खाद, कीटनाशक आदि खरीदने के लिए भी सरकार द्वारा मदद की जाती है। 


कृषि इनपुट योजना से किसानों के फसलों की बर्बादी होने पर सरकार द्वारा मदद की जाएगी। यह सभी लाभ केवल उन्हीं लोगों को दिए जाएंगे, जो इस योजना के पात्र है। योजना से मिलने वाला लाभ और अन्य सुविधाएं किसानों की फसलों को बचा सकता है, और साथ ही किसानों की आर्थिक समस्याओं को दूर करता है। 

कृषि इनपुट अनुदान योजना से मिलने वाले लाभ

कृषि इनपुट अनुदान योजना में आर्थिक सहायता की अलावा अन्य कई लाभ है, जो हर पात्र किसानों को मिलते है। यह लाभ किसानों की खेती को बेहतर बनाते है और उनके जीवनयापन को बेहतर बनाता है।

कृषि इनपुट अनुदान योजना के लाभों की सूची

    1. किसानों के फसल यदि नैसर्गिक आपदाओं के कारण खराब हो जाती है तो इसके एवज में सरकार द्वारा उन्हें आर्थिक सहायता दिया जाता है। 
    2. किसानों को खाद, बीज, किटकनाशक आदि खरीदने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है।
    3. किसानों के फसलों को बीमा निकालकर दिया जाता है।
    4. कृषि से जुड़ी तकनीकी जानकारी सरकार द्वारा दी जाती है। 

कृषि इनपुट अनुदान योजना की पात्रता क्या है?

कृषि इनपुट अनुदान योजना में आवेदन करने से पहले, उससे जुड़ी पात्रताओं को समझना बेहद जरूरी है।

कृषि इनपुट अनुदान योजना की पात्रता सूची

    1. आवेदनकर्ता बिहार का निवासित नागरिक होना चाहिए। 
    2. आवेदनकर्ता की अपनी खुदकी जमीन होनी चाहिए।
    3. किसानों का नाम सरकारी रेकॉर्डस में होना चाहिए।
    4. केवल किसान ही इस योजना के लिए आवेदन कर सकते है।