परिचय
स्टैंड अप इंडिया योजना: देश मे एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ाने के लिए, सरकार द्वारा स्टैंड अप इंडिया की शुरुआत की गई है। किसी भी बिज़नेस को बड़ा करने के लिए बड़े निवेश की आवश्यकता होती है, और इसमें यह योजना आपके काम आती है। इसमें देश के सभी बैंकों की हर एक शाखा से 1 अनुसूचित जाति, 1 अनुसूचित जनजाति और 1 महिला उद्यमी को बिज़नेस लोन दिया जाता है। यह लोन कम से कम 10 लाख से लेकर 1 करोड़ तक का होता है। यह लोन केवल ग्रीनफ़ील्ड इंटरप्राइजेज के लिए दिया जाता है। ग्रीनफ़ील्ड इंटरप्राइजेज पूरी तरह से नया और शून्य से शुरू करने वाला बिज़नेस होता है, यह या तो लोन या फिर खुदके पैसे से शुरू करने जैसा है।
स्टैंड अप इंडिया योजना |
चलिए तो आजकी इस पोस्ट में ‘स्टैंड अप इंडिया रजिस्ट्रेशन’ से लेकर लोन एप्लीकेशन तक कि सभी जानकारी के बारेमें विस्तार से समझते है।
Stand Up India Yojana Overview
स्टैंड अप इंडिया योजना क्या है?
स्टैंड-अप इंडिया योजना की शुरुआत 2016 अप्रैल में हुई थीं। यह योजना उन लोगो के लिए बेहद अच्छी है, जो अपना पहला बिज़नेस शुरू करना चाहते है और उन्हें फाइनेंसियल सपोर्ट की आवश्यकता है। यह एक सहायता योजना है जो बिज़नेस, स्टार्टअप्स और नए आइडियाज को फंडिंग देती है। इसमें किसी भी नए बिज़नेस (ग्रीनफ़ील्ड इंटरप्राइजेज) को शुरू करने के लिए 10 लाख से 1 करोड़ तक का लोन दिया जाता है। मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेडिंग या फिर सर्विस से जुड़ा कोई भी बिज़नेस स्टैंड अप इंडिया लोन के लिए आवेदन कर सकता है। इस लोन का लाभ केवल एक अनुसूचित जाति, एक अनुसूचित जनजाति और एक महिला वर्ग को मिलता है। और इसे देने का अधिकार भी केवल एकबार में एक बैंक को है। कोई भी बैंक 1 से ज्यादा लोगो को स्टैंड अप इंडिया लोन नही दे सकती है।
स्टैंड अप इंडिया योजना में आवेदन करने वाली यदि कोई पार्टनरशिप कंपनी है तो उसमे कम से कम 51% की शेयर होल्डिंग अनुसूचित जाति, जनजाति या महिला वर्ग के पास होनी चाहिये। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन माध्यम से होगी और लोन की अन्य प्रक्रिया बैंक शाखा द्वारा की जाएगी। स्टैंड अप इंडिया लोन से मिलने वाली राशि के लिए भुगतान अवधि 7 वर्षों की दी जाएगी और 18 महीनों की मौहलत भी दी जाएगी।
स्टैंड अप इंडिया योजना से मिलने वाले लाभ
स्टैंड अप इंडिया योजना एक ग्रीनफील्ड इंटरप्राइजेज शुरू करने के लिए दी जानेवाली सहायता है। इसके माध्यम से किसी भी व्यवसाय को शुरू कर देश के विकास में अपना योगदान दिया जा सकता है। स्टैंड अप इंडिया योजना में लोन के साथ साथ अन्य कई लाभ मिलते है।
स्टैंड अप इंडिया योजना लाभ सूची
1) नए बिज़नेस को शुरू करने का मौका
स्टैंड अप इंडिया योजना के माध्यम से कई नए बिज़नेस को शुरू करने का मौका मिलता है, खासतौर पर SC, ST के लिए यह अच्छा अवसर प्रदान करता है।
2) बिज़नेस के लिए लोन सहायता
नए आइडियाज को एक बड़े बिज़नेस में तब्दील करने के लिए बैंक से 10 लाख से 1 करोड़ तक का लोन मिलता है। बिज़नेस चाहे मैन्युफैक्चरिंग का हो या फिर रिटेल का, सबके लिए आर्थिक सहायता दी जाती है।
3) प्राइवेट बैंको की तुलना में बेहद कम ब्याज
ग्रीनफ़ील्ड इंटरप्राइजेज के लिए प्राइवेट बैंको को लोन मिलना मुश्किल होता है, और यदि मिलता भी है तो कम से कम 5 लाख या 10 तक ही मिलता है, जिसपर ब्याज भी बहुत लगाया जाता है। पर स्टैंड अप इंडिया योजना से सरकार द्वारा लोन मिलता है और यह अन्य बैंकों से कम ब्याज पर दिया जाता है।
4) लोन चुकाने के लिए लंबा समय
स्टैंड अप इंडिया योजना से लोन मिलने के बाद, इसे चुकाने के लिए 7 सालो का समय दिया जाता है। और यदि 7 सालो में लोन नही चुका पाते है तो अतिरिक्त 18 महीनों की अवधि दी जाती है।
5) किसी ग्यारेन्टर की आवश्यकता नही
स्टैंड अप इंडिया लोन, बिना किसी कॉलेटरल के दी जाती है। यानी इस लोन के लिए आपको अपनी किसी भी सम्पति को बैंक के पास गिरवी रखने की आवश्यकता नही हैं। आपके लोन की गारेंटी CGFSIL द्वारा ली जाती हैं। यदि आपके पास कोई सम्पति भी नही है तो भी आप अपने बिज़नेस के लिए लोन ले सकते है।
6) महिलाओं के लिए प्रावधान
स्टैंड अप इंडिया लोन में SC और ST की महिलाओं के लिए अलग से प्रावधान है। इसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है, और हर बैंक शाखा से 1 महिला को लोन देने अनिवार्य हैं। ऐसे में महिलाएं खुद अपना व्यवसाय शुरू कर सकती है और आत्मनिर्भर बन सकती है।
7) रोजगार के अवसर निर्माण
स्टैंड अप इंडिया योजना के माध्यम से बिज़नेस शुरू करने से कई तरह के रोजगार के अवसर उत्पन्न होते है। इससे समाज मे बेरोजगारी भी कम होती है और युवाओं में कुछ नया करने का जुनून भी बढ़ता है।
8) मुफ्त में बिज़नेस करने की ट्रेनिंग
स्टैंड अप इंडिया योजना में जितने भी बिज़नेस को लोन दिया जाता है, वह सभी नए यानी शून्य से शुरू किए हुए होते हैं। इसलिए ऐसे बिज़नेस ओनर्स, उद्यमियों को बिज़नेस से जुड़ी सारी ट्रेनिंग मुफ्त में दी जाती है। यह ट्रेनिंग वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर और MSME के सेन्टर के माध्यम से दी जाती हैं। इसमें लोन धारक को टेक्निकल और फाइनेंसियल स्किल्स सिखाई जाती है।
9) देश के बड़े इंस्टिट्यूट से मार्गदर्शन
लोन लेने के समय बैंक को बिज़नेस से जुड़े प्रोजेक्ट रिपोर्ट्स, फाइनेंसियल प्लानिंग्स आदि सब देना होता है, यह सब तैयार करने में SIDBI और NABARD जैसे देश के बड़े इंस्टिट्यूट मार्गदर्शन करते हैं।
10) आसान आवेदन प्रक्रिया
स्टैंड अप इंडिया लोन एप्लीकेशन की प्रक्रिया को आसान रखा गया हैं। इसे स्टैंड अप इंडिया ऑफिसियल वेबसाइट के माध्यम से किया जा सकता है, या फिर बैंक से संपर्क करके किया जा सकता है या फिर लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर (LDM) के माध्यम से किया जा सकता है।
11) योजना के माध्यम से मार्जिन मनी की सहायता
सरकार के तरफ से आपको 15% का मार्जिन मनी केई सहायता भी दी जाती है। जैसे कि मान लीजिए यदि आपका लोन 20 लाख का है तो इसमें 75% लोन स्टैंड अप इंडिया योजना के माध्यम से बैंक देगी (15 लाख), और 15% का लोन सरकार की ने किसी राज्य एवम केंद्र योजना से दी जाएगी (3 लाख) और इसमें बचा हुआ 10% जो बचता है उसे आपको अपने तरफ से लगाना होता हैं। यदि सरकार 15% का मार्जिन मनी सहायता नही देती थी तो आपको पूरा 25% का निवेश खुदसे करना पड़ता था।
इसप्रकार से स्टैंड अप इंडिया योजना से आवेदक को केम ब्याज पर लोन, बिना किसी ग्यारेंटर के और लंबे समय के लिए मिलता हैं। साथ ही 15% के मार्जिन मनी, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी मिलता हैं।
स्टैंड अप इंडिया प्रोजेक्ट लिस्ट
स्टैंड अप इंडिया योजना में 3 - 4 तरह के प्रोजेक्ट्स आते है। जैसे मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस, ट्रेडिंग, कृषि इन क्षेत्रों में नए बिज़नेस की शुरूआत करनी होती है।
स्टैंड अप इंडिया प्रोजेक्ट लिस्ट
1) मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र - इस सेक्टर में प्लास्टिक प्रोडक्ट, पेपर प्रोडक्ट, मसाले, आचार, पापड़, नूडल्स, पैकेज फ़ूड, रेडी टू ईट फ़ूड, कपड़े, खिलौने, हस्तकला के उत्पाद आदि चीजें शामिल है।
2) सर्विस क्षेत्र - इस सेक्टर में ब्यूटी पार्लर, बार्बर, टेलर्स, जिम, कोचिंग, इंटरनेट कैफ़े, ऑटो, टैक्सी, क्लीनिंग, होटल, पेंटर, डेकोरेशन, कैटरिंग आदि शामिल है।
3) ट्रेडिंग क्षेत्र - इस सेक्टर में किराना दुकान, स्टेशनरी, इलेक्ट्रॉनिक शॉप, होजियरी, कृषि केंद्र, ई कॉमर्स स्टोर आदि शामिल है।
4) कृषि सेक्टर - इसमें डेयरी फार्मिंग, कुक्कुट पालन, पशुपालन, जैविक खाद का उत्पादन, बीज उत्पादन आदि शामिल है।
स्टैंड अप इंडिया योजना की पात्रता क्या है?
स्टैंड अप इंडिया योजना में आवेदन करने के कुछ पात्रताओ को रखा गया है। क्योंकि यह एकमात्र ऐसा लोन है जो बिना किसी कॉलेटरल (ग्यारेंटर) के दिया जाता है।
स्टैंड अप इंडिया योजना की पात्रता सूची
- स्टैंड अप इंडिया लोन केवल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगो को ही मिलेगा।
- SC और ST के महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है।
- एक बैंक शाखा से केवल 1 ही व्यक्ति को लोन देने की अनुमति है।
- केवल नए फ्रेश प्रोजेक्ट को ही अनुमति मिलेगी।
- यदि बिज़नेस पार्टनरशिप में शुरू करना चाहते है तो कंपनी का 51% शेयर होल्डिंग SC/ST के सदस्य के पास होनी चाहिए।
- आवेदनकर्ता, बैंक के डिफॉल्टर के लिस्ट में नही होना चाहिए।
- केवल उद्यमियों को ही योजना में आवेदन करने का अधिकार है। यानी आवेदनकर्ता के नाम से कोई फर्म, एजेंसी, कंपनी रजिस्टर होनी चाहिए।
- आवेदनकर्ता की 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
स्टैंड अप इंडिया योजना में कैसे आवेदन करें?
स्टैंड अप इंडिया योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया थोड़ी बड़ी और जटिल है। पर जैसे जैसे आप एक-एक चरण को पूरा करते जाएंगे आपको सब आसान लगने लगेगा। इसमें 3 तरह से आवेदन करने का प्रावधान मिलता है; पहला, आप सीधा बैंक में जाकर बात कर सकते है और उनके अनुसार आवेदन कर सकते है, दूसरा स्टैंड अप मित्रा पोर्टल पर स्वयं ऑनलाइन आवेदन करके, तीसरा LDM (लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर) के माध्यम से। तो चलिए आवेदन की प्रक्रिया को अब शुरुआत से समझते है।
पहला चरण - स्टैंड अप इंडिया रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
स्टेप 1 - स्टैंड अप इंडिया रजिस्ट्रेशन करें
स्टैंड अप इंडिया लोन पाने के लिए सबसे पहले ‘स्टैंड अप इंडिया रजिस्ट्रेशन’ करना होगा। इसके लिए standupmitra पोर्टल पर जाना होगा।
स्टेप 2 - New Entrepreneur विकल्प चुनें
Standupmitra पोर्टल पर आने के बाद, यहाँपर ‘New Entrepreneur’ का विकल्प दिखेगा, उसपर क्लिक करें, आपके सामने स्टैंड अप इंडिया लोन एप्लीकेशन फॉर्म आ जायेगा।
स्टेप 3 - स्टैंड अप इंडिया लोन एप्लीकेशन फॉर्म भरे
इस रजिस्ट्रेशन फॉर्म में आपको अपना नाम, पता, SC/ST/Women केटेगरी, बिज़नेस का प्रकार, कितना लोन चाहिए उसकी जानकारी, आपका निवेश, बिज़नेस प्लान आदि सब दर्ज करना है।
दूसरा चरण - आवेदक की कैटेगरी को चुने
स्टेप 1 - आवेदक कैटेगिरी को चुने
जानकारी दर्ज करने के बाद, आपको इसमें 2 तरह की केटेगरी में से एक केटेगरी को चुनना है। यह आवेदन प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इसमें ‘Ready Borrower’ और ‘Trainee Borrower’ इसमें से एक चुनना है।
स्टेप 2 - ‘Ready Borrower’ को चुनें
यदि आप ‘Ready Borrower’ का विकल्प चुनते है, तो इसका अर्थ यह होता है कि आपको बिज़नेस रिपोर्ट बनाना आता है, आपको बिज़नेस का पहले से ज्ञान है, बिज़नेस में लगनेवाले टेक्निकल और फाइनेंसियल स्किल्स आपको आती है। यह विकल्प चुनने पर आपको बिज़नेस रिपोर्ट और बिज़नेस की अन्य जानकारी दर्ज करनी होगी और उसी के आधार पर आपकी आगे की प्रक्रिया होगी। इससे लोन मिलने की प्रक्रिया जल्दी हो जाती है।
स्टेप 3 - ‘Trainee Borrower’ को चुनें
यदि आप ‘Trainee Borrower’ का विकल्प चुनते है, तो आपको एक ट्रेनी के रूप में देखा जाता है। इससे यह प्रतीत होता है कि आप बिज़नेस क्षेत्र में नए है और आपको इससे जुड़ी कोई भी टेक्निकल या फाइनेंसियल नॉलेज नही हैं। यह विकल्प चुनने के बाद, आपको नाबार्ड, SIDBI द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है, बिज़नेस रिपोर्ट बनाने में सहायता की जाती है और अन्य सहायता दी जाती है जो आवेदन से जुड़ी हैं। नाबार्ड एवम SIDBI से सहायता और ट्रेनिंग मिलने के बाद, आपका आवेदन स्वीकार होने के ज्यादा चान्सेस होते है पर इस पूरी प्रक्रिया को समय लगता है। क्योंकि पहले आपको प्रशिक्षण दिया जाएगा, फिर आप जब ट्रेनी से रेडी बोरोवर बन जाएंगे तब आवेदन प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
इसमें से जो भी विकल्प आप चुनते है, उसके अनुसार आपके आवेदन की जांच होती है। यदी आपको अपनी स्टैंड अप इंडिया लोन प्रक्रिया को जल्दी पूरा करना है तो आप किसी फाइनेंसियल एक्सपर्ट से सहायता भी ले सकते है।
तीसरा चरण - स्टैंड अप इंडिया लोन एप्लीकेशन फॉर्म भरे
stand-up india loan प्राप्त करने की प्रक्रिया में अब बारी आती है, फॉर्म भरने की। अभी तक आपने स्टैंड अप इंडिया रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा किया है, अब स्टैंड अप इंडिया लोन एप्लीकेशन फॉर्म की ओर बढ़ते है।
स्टेप 1 - बिज़नेस से जुड़ी रिपोर्ट और दस्तावेजों को सबमिट करें
रजिस्ट्रेशन करने के बाद, जैसे ही आप अपनी बिज़नेस रिपोर्ट बना ले, उसे तुरंत पोर्टल पर लॉगिन करके सबमिट करे। साथ ही अन्य आवश्यक दस्तावेजों को भी स्कैन करके अपलोड करें। इसके बाद आपका फॉर्म पूरा हो जाएगा, आप जब चाहे तब अपने आवेदन की स्थिति की जांच पोर्टल पर आकर कर सकते है।
स्टेप 2 - बैंक, नाबार्ड, SIDBI द्वारा फॉर्म की जांच
आपके द्वारा सबमिट किया गया फॉर्म आपके क्षेत्र के बैंक, नाबार्ड और SIDBI में जांच के लिए भेजा जाएगा। इस दौरान यदि आवेदन फॉर्म में कोई समस्या आती है तो NABARD द्वारा आपका मार्गदर्शन किया जाएगा।
स्टेप 3 - आवेदन फॉर्म की बैंक द्वारा अंतिम जांच
फॉर्म की जांच इन संस्थाओं द्वारा हो जाने के बाद, LDM द्वारा आपका आवेदन अंतिम जांच हेतु, किसी पात्र बैंक शाखा में भेजा जाएगा, जो आपके क्षेत्र में आती है।
चौथा चरण - लोन मिलने की प्रक्रिया
स्टेप 1 - पात्रता और दस्तावेजों की जांच
जांच के बाद, जब फॉर्म बैंक के पास आएगा, बैंक इसमें कुछ हफ़्तों का समय लेगा। इस दौरान आपके आवेदन की, रिपोर्ट्स की और दस्तावेजों की जांच होगी।
स्टेप 2 - लोन की स्वीकृति और नियमों का पालन
इसके बाद आपको बैंक द्वारा बुलाया जाएगा। कुछ नियमों के बारेमें बताया जाएगा, लोन के विषय मे जानकारी दी जाएगी और अंत मे आवेदन को स्वीकृति दी जाएगी।
स्टेप 3 - लोन का वितरण
स्टैंड अप इंडिया लोन एप्लीकेशन फॉर्म की स्वीकृति के बाद, आवेदक के बैंक खाते में लोन की राशि DBT के माध्यम से भेजी जायेगीं। इसके बाद, अपने बिज़नेस प्लानिंग के हिसाब से आपको लोन की राशि को इस्तेमाल करना है। और समय समय पर अपना लोन ड्यु भरते रहना है।
इसप्रकार से 4 चरणों मे स्टैंड अप इंडिया लोन एप्लीकेशन फॉर्म भरा जाता है। इसमें पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रूप से होती है। इसके लिए नाबार्ड और सिडबी द्वारा सहायता भी दी जाती है। केवल आपको इस बात पर ध्यान देना है कि आपका बिज़नेस आईडिया यूनिक हो और प्रॉफिटेबल हो। स्टैंड अप इंडिया योजना से लोन मिलने के लिए कई महीनों का समय लग सकता है, पर जैसे ही लोन प्राप्त होगा, आप अपने बिज़नेस को शुरू कर सकते है।
स्टैंड अप इंडिया योजना में लगनेवाले दस्तावेज
स्टैंड अप इंडिया योजना में आवेदन करने के लिए बेहद जरूरी दस्तावेज लगते हैं। इनमें से कुछ दस्तावेज आपके पास मौजूद है और कुछ दस्तावेज आपको खुदसे बनाने होंगे।
स्टैंड अप इंडिया योजना दस्तावेज सूची
- आवेदक का आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटिंग कार्ड
- बिजली बिल
- आवेदक का पहले से रजिस्टर फर्म या एंटिटी होनी चाहिए, उसके दस्तावेज
- व्यवसाय का लाइसेंस, रूम एग्रीमेंट (यदि किराए पर दुकान ली है)
- आवेदक का बैंक पासबुक और पिछले लोन की जानकारी (यदि लिया है तो)
- बिज़नेस प्लान का रिपोर्ट
- बिज़नेस को लगनेवाले सभी खर्चो का विवरण
- बिज़नेस में लगनेवाले यंत्रों के बारेमें विस्तृत जानकारी
- SC/ST का जाती प्रमाणपत्र (महिला आवेदक के लिए भी आवश्यक)
- अन्य किसी योजना का लाभ लिया है या फिर लेने वाले है तो उससे जुड़ी जानकारी
- पार्टनरशिप में यदि बिज़नेस है तो पार्टनरशिप डीड
- पार्टनरशिप में 51% भागीदारी का प्रमाण
स्टैंड-अप इंडिया स्कीम एसबीआई क्या है? इसमें कितने ब्याज पर लोन मिलता है?
स्टैंड-अप इंडिया स्कीम का लाभ के राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा दी जाए है, जिसमें SBI भी शामिल है। यह बैंक योजना का लाभ देती है पर इसके अपने कुछ नियम भी आवेदक को मानने पड़ते हैं। इसमें 10 से 1 करोड़ तक का लोन मिलता है, पर इसमें ब्याज दर अधिक हो सकता है। वैसे तो स्टैंड-अप इंडिया स्कीम के अनुसार लोन की राशि पर जोब्याज लगता है, वह समिश्र स्वरूप का होता है। जैसे कि इसमें बैंक का ब्याज + MCLR + 3% और टेन्योर प्रीमियम का समावेश होता हैं। इसे कुछ इसप्रकार समझते है।
1) बैंक का लोन के लिए बेस रेट। यह कितना भी हो सकता है, जैसे कि 7 से 8% तक।
2) MCLR यह बैंक का ब्याज है, जो आपके बिज़नेस का आकार और लागत पर निर्भर करता है। जैसे कि 6 से 7% तक।
3) 3% की मार्जिन, यह बैंक द्वारा आवेदक के सिबिल स्कोर के अनुसार दिया जाता हैं।
4) लोन के टेन्योर पर भी ब्याज लगता है, जितना ज्यादा आपके लोन का समय बढ़ेगा, उतना ज्यादा चार्ज लगता जाएगा। जैसे की 0.5% तक।
इन सभी चार्जेस को मिलाकर, आपके लोन का ब्याज तय किया जाता है।
निष्कर्ष
स्टैंड अप इंडिया योजना, भारत सरकार की स्टार्टअप योजना है। जिसका उद्देश्य नए बिज़नेस (ग्रीनफील्ड इंटरप्राइजेज) को शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता और मार्गदर्शन उपलब्ध कराना है। इसके माध्यम से नए बिज़नेस के लिए 10 लाख से 1 करोड़ तक का लोन दिया जाता है, जिसके लिए 15% तक कि मार्जिन मनी सहायता भी दी जाती है। स्टैंड-अप इंडिया योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है, बिज़नेस रिपोर्ट बनानी पड़ती ही, आवश्यक दस्तावेजों को जमा करना पड़ता है और स्टैंड अप इंडिया लोन एप्लीकेशन फॉर्म को अप्लाई करना पड़ता है। इन सबके बाद आवेदन की जांच नाबार्ड, सिडबी और संबंधित बैंक द्वारा की जाती है। जब सबकुछ सही होता है तो आवेदन को स्वीकृति मिलती है और लोन की राशि वितरित की जाती हैं।
स्टैंड अप इंडिया लोन प्राप्त करने के लिए कुछ दिनों तक बिज़नेस के प्लान पर काम करके, प्रशिक्षण लेकर आवेदन करना पड़ता है। यदि आप भी अपना एक नया बिज़नेस (ग्रीनफील्ड इंटरप्राइजेज) शुरू करना चाहते है तो आज ही Startupmitra पोर्टल पर विजिट करें और अपना स्टैंड अप इंडिया रजिस्ट्रेशन करें, और योजना का लाभ उठाएं।
“अब पाइए बिना कॉलेटरल के लोन वो भी 1 करोड़ तक!”
अक्सर पूछे जानेवाले सवाल जवाब
1) स्टैंड-अप इंडिया योजना की शुरुआत कब हुई?
स्टैंड-अप इंडिया योजना की शुरूआत अप्रैल 2016 में प्रधानमंत्री द्वारा की गई।
2) स्टैंड अप इंडिया योजना क्या है?
स्टैंड अप इंडिया योजना एक सरकारी योजना है, जिसके माध्यम से नए उद्यमियों के नए वेंचर के लिए 10 लाख से 1 करोड़ तक का लोन दिया जाता है। यह लोन बिना किसी ग्यारेन्टी के और कम ब्याज पर मिलता है। इसे वापस करने की अवधि 7 सालों तक कि दी जाती है और साथ ही 18 महीने के अधिक मौहलत भी दी जाती है। बिज़नेस के कुल लागत के 75% स्टैंड अप इंडिया योजना से दिया जाता है, और बचा हुए 25% में से 15% की मनी मार्जिन भी दी जाती है। योजना में आवेदन करने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रक्रिया है।
3) स्टैंड अप इंडिया लोन एप्लीकेशन फॉर्म कैसे भरे?
स्टैंड अप इंडिया लोन एप्लीकेशन फॉर्म भरने के लिए 4 चरणों को फॉलो करना पड़ता है। इसमें से आधी प्रक्रिया ऑनलाइन और आधी प्रक्रिया ऑफलाइन है।
- स्टैंड अप इंडिया योजना रजिस्ट्रेशन
- आवेदक की कैटेगरी को चुनना
- स्टैंड अप इंडिया लोन एप्लीकेशन फॉर्म भरना
- लोन का वितरण
4) स्टैंड अप इंडिया स्कीम ब्याज दर क्या है?
स्टैंड अप इंडिया स्कीम के लिए ब्याज दर, बैंक और आपके बिज़नेस आईडिया पर निर्भर करता है। आपके बिज़नेस के लिए कितनी लागत लगती है और कितने समय के लिए आप लोन ले रहे है, इन सब बातों पर ब्याजदर निभार करता है।
यह इस नियम पर तय होता है - ब्याजदर = MCLR + 3%+ टेन्योर प्रीमियम
यदि स्टैंड-अप इंडिया स्कीम एसबीआई की बात करें तो इसमें SUI के लिए ब्याजदर लगभग 10 - 11% का हो सकता है। हालांकि यह एक अनुमानित आंकड़ा हैं, पर यदि दिए हुए नियमों के अनुसार गणित किया जाए तो आपको ब्याजदर का पता चल सकता है।
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