परिचय

प्रसाद योजना: यह योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक तीर्थ पुनरूद्धार और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान हैं,जिसके तहत देश के धार्मिक तीर्थ स्थलों का विकास और तीर्थ स्थलों के प्रचार का काम किया जा रहा हैं। इस योजना के तहत धार्मिक तीर्थ स्थलों का संवर्धन करते हुए इन स्थलों पर सामूहिक भागीदारी बढ़ाना,धार्मिक पर्यटन उत्पाद विकसित करना और तीर्थ स्थलों पर आधुनिक और सुविधाजनक सुविधाएं प्रदान करने पर सरकार ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इस प्रसाद योजना के तहत की जाने वाली इस महत्त्वपूर्ण पहल से धार्मिक स्थलों का विकास किस प्रकार किया जाएगा और इससे क्या लाभ होंगे यह आगे जानते हैं।

Prasad Yojana Overview

विशेषता

विवरण

योजना का नाम

प्रसाद योजना

योजना का नाम (English)

Prasad Yojana


योजना की शुरुवात

साल 2014-15

विभाग


पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार

उद्देश्य


धार्मिक पर्यटन का विकास और संवर्धन करना

लाभार्थी

देश के प्रमुख तीर्थ स्थल

मुख्य लाभ



भारत के तीर्थ क्षेत्रों को विकसित करना और उनका प्रचार - प्रसार करना

अधिकारिक वेबसाइट

https://tourism.gov.in/

प्रसाद योजना क्या है?

विविधता के पूर्ण हमारे देश में विविध भाषा,पोशाक, संस्कृति और धर्म के लोग रहते हैं। निसर्ग, इतिहास, संस्कृति और कलाकृति से भरपूर इस देश में कई पर्यटन स्थल हैं। वैसे ही इस देश को धार्मिक विरासत भी मिली हैं। यहा अलग- अलग धर्मों के कई  प्रमुख और अन्य धार्मिक तीर्थ स्थल हैं। अपनी विरासत,इतिहास और संस्कृति को कायम रखते हुए इन स्थलों का संरक्षण और विकास करना बहुत जरूरी हैं। इस उद्देश्य के साथ भारत सरकार ने प्रसाद योजना यानी तीर्थ पुनरूद्धार और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान की शुरुआत की हैं। 


प्रसाद योजना के अंतर्गत तीर्थ स्थलों पर स्वच्छता, कनेक्टीविटी,सफाई,ठोस प्रबंधन,आने वाले श्रद्धालूओं के लिए बजेट में होटल और इसके साथ ही जागरूकता बढ़ाते हुए इन स्थलों पर धार्मिक शिष्टाचार का विकास की कमी को पूरा किया जाएगा। सुंदर और परित्र धार्मिक तीर्थ स्थलों पर धार्मिक पर्यटन बढ़ाने के लिए इन स्थलों का प्रचार करना जरूरी हैं। देश के साथ साथ देश के बाहर के भी श्रद्धालु और इतिहास, कला, हस्तकला में रुचि रखने वाले पर्यटकों तक देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों का प्रचार इस योजना के माध्यम से किया जा रहा हैं।

प्रसाद योजना अभियान का उद्देश्य और रणनीति क्या हैं? 

प्रसाद योजना के कार्यों की बात की जाए तो इस योजना के तहत तीर्थ पुनरूद्धार और आध्यात्मिक संवर्धन के लिए मिशन चलाना, तीर्थ स्थलों पर आने वाले श्रद्धालूओं की सुरक्षा और उनके लिए दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता सुधारना आदि कामों का लक्ष रखा गया हैं। इस प्रसाद योजना के तहत और भी क्या-क्या मिशन रखे गए हैं यह आगे सूचीबद्ध किया गया हैं।

प्रसाद योजना के विजन और मिशन स्टेटमेंट

    1. देश के तीर्थ स्थलों की पहचान कर उनका विकास करना
    2. तीर्थ स्थलों के पर्यटन को बढ़ावा देना और पर्यटकों को आकर्षित करना।
    3. पर्यटकों को तीर्थ स्थलों के पर्यटन का अच्छा अनुभव प्रदान करना। 
    4. धार्मिक पर्यटन से आर्थिक विकास और रोजगार और रोजगार के अवसर निर्माण करना। 
    5. इन स्थलों पर परियोजनाओं के वक्त निगरानी यंत्रणा का विकास करना। 
    6. तीर्थ स्थलों पर वहां के स्थानिक समुदायों के भागीदारी से रोजगार निर्माण करना। 
    7. देश के प्रमुख और अन्य महत्त्वपूर्ण और पवित्र तीर्थ स्थलों की पहचान कर उनका एकिकृत विकास करना।

प्रसाद योजना अंतर्गत चलाए जाने वाले अभियान के उद्देश्य 

लोगों में पर्यटन के महत्व के बारें में जनजागृति करना और धार्मिक स्थलों का विकास करके देश विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करना। 


तीर्थ स्थलों की स्थानिक कला, हस्तशिल्प,संस्कृति और उस जगह का इतिहास को बढ़ावा देना। 


इन स्थलों पर रहने वाले स्थानिक समुदाय के लोगों की कमाई में बढ़ोतरी करने वाले सोर्सेज बढ़ाना। 


धार्मिक पर्यटन का उपयोग कर रोजगार निर्माण और आर्थिक विकास करना और लोगों के जीवन स्तर को बढ़ाना।


प्रसाद योजना के तहत चलाए जा रहे अभियान के तहत कुछ रणनीतियां बनाई गई जिस में ऐसे धार्मिक स्थलों की पहचान की जाएगी जो देश विदेश के पर्यटन उत्पाद के लिए सक्षम रहेंगे।

प्रसाद योजना राजस्थान के स्थल कौनसे है?

Prasad yojana rajasthan के साथ साथ अन्य जगह के तीर्थ स्थलों की पहचान कर उन स्थलों पर विकास किया जाएगा। प्रसाद योजना के तीर्थ पुनरूद्धार और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान में अजमेर, मथुरा, केदारनाथ, अमृतसर, वाराणसी, गया, अमरावती, पूरी, कांचीपुरम, वेल्लानकन, द्वारका, कामाख्या इन तीर्थ स्थलों का समावेश हैं। इन प्रमुख शहरों के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों का विकास और संवर्धन किया जाएगा।

निष्कर्ष

प्रसाद योजना आध्यात्मिक संवर्धन के लिए और देश की धार्मिक विरासत के संरक्षण और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल हैं। देश के अलग-अलग धर्मों से संबंधित पवित्र तीर्थ स्थलों का विकास और संवर्धन करना आज की जरूरत हैं। अपने इतिहास,संकृति और कला को आगे भी बनाए रखने के लिए यह एक अच्छा कदम भारत सरकार उठा रही हैं। प्रसाद योजना के तहत विकास के साथ प्रमुख तीर्थ स्थलों के पर्यटन को बढ़ावा देना,पर्यटकों सम्पूर्ण धार्मिक पर्यटन के अनुभव के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना और स्थानिक लोगों के लिए रोजगार निर्माण करने का काम किया जा रहा हैं।