परिचय

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना 2024: कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग झारखंड द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य गरीब किसान और पशुपालकों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना। कोविड के दौरान सभी लोग जो बाहर राज्य में काम करने गए थे उन्हें वापस अपने राज्य भेज दिया गया था, ऐसे में इतने सारे लोगो को एकसाथ रोजगार उपलब्ध कराना बेहद मुश्किल था। पर इसी समस्या को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के माध्यम से इच्छुक लोगों को बकरा, बकरी, गाय, सुकर, ब्रॉयलर, बत्तख आदि सब खरीदने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। इनसे आनेवाला दूध, मांस, अंडा आदि बेचकर किसान अपनी जीवनयापन कर सकता है।


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मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना


तो चलिए आज मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की गहराइयों में जाते है, और जानते है कि कैसे मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना ऑनलाइन अप्लाई करना है, इसकी पात्रता क्या है और इससे क्या क्या लाभ मिलते है? तो अंत तक बने रहे। 

Mukhyamantri Pashudhan Yojana Jharkhand Overview

विशेषता

विवरण

योजना का नाम


मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना

योजना का नाम (English)


Mukhyamantri Pashudhan Yojana Jharkhand

योजना की शुरुवात

कोविड - 19 के बाद से

विभाग


कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग झारखंड

उद्देश्य



ग्रामीण नागरिकों को पशुपालन और डेयरी उद्योग हेतु आर्थिक सहायता

लाभार्थी




केवल झारखंड के ग्रामीण निवासित लोग, जिनका पशुपालन व्यवसाय था या फिर है। 

मुख्य लाभ



पशुपालन और डेयरी उद्योग के लिए पशु खरीदारी पर 50 से 90% का सरकारी अनुदान

पात्रता


केवल अनुसूचित जनजाति, जाती, बीपीएल परिवार

आवेदन प्रक्रिया


केवल जिला पशुपालन कार्यालय में जाकर

अधिकारिक वेबसाइट

https://shorturl.at/4qf7g

आवश्यक दस्तावेज


जाती प्रमाणपत्र, निवासी प्रमाणपत्र

आवेदन की अंतिम तारीख

अभी तक जारी नही की गई है


संपर्क जानकारी




अपने जिला पशुपालन कार्यालय में संपर्क करें/ हेल्पलाइन नंबर - 18003097711

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना क्या है?

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, झारखंड राज्य की एक पहल है, जिसका उद्देश्य गरीब किसानों के लिए स्वरोजगार उपलब्ध कराना। इसके माध्यम से झारखंड के किसान और पशुपालकों को बकरा, सुकर, बत्तख, ब्रॉयलर आदि पालन के लिए आर्थिक सहायता दी जाती हैं। इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति, बीपीएल और दिव्यांगों को प्राथमिकता दी जाती है। साथ ही जो महिलाएं स्वयं सहायता समूह की सदस्य है उन्हें भी मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का लाभ दिया जाता है। इस सहायता से ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होते है और किसानों की आय में भी वृद्धि होती हैं।


मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का लाभ अनुदान के रूप में मिलता है, यानी कि पहले आवेदन करना होगा, आवेदन स्विकार होने के बाद बकरा, सुकर, बत्तख, ब्रॉयलर इनमें से जो भी पशु पालना है उसके लिए स्वयं खर्चा करना होगा और खर्चे की सारी जानकारी आवेदन में अनुदान के लिए देनी होगी। इसमें आपका जितना भी खर्चा होगा उसे अनुदान के रूप में वापस किया जाएगा। जैसे मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना से अनुसूचित जनजाति के लिए 90% अनुदान है तो ऐसे में इन्हें अपने खर्चे के लगभग पूरे पैसे वापस मिलेंगे, और अन्य जाती वर्ग को 50 से 70% का अनुदान दिया जाएगा। 

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना से मिलने वाले लाभ

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना फॉर्म भरने से कई तरह के लाभ आवेदक यानी आपको मिलते है। यह एक पशुपालन योजना है तो इसमें जानवरों को खरीदने से लेकर उनके देखभाल तक का खर्चा सरकार द्वारा दिया जाता हैं। इसमें अन्य कई पशुपालन निर्देशालय की योजनाए भी शामिल है जिनका लाभ भी आवेदक को मिलता है। 

मुख्यमंत्री पशुधन योजना लाभ सूची

1) अनुदान लाभ

पशुपालकों को गाय, बकरा, सुकर, बत्तख, ब्रॉयलर आदि पशुओ की खरीदारी पर अनुदान दिया जाता है। इसमें अनुसूचित जनजाति के लिए 90% सब्सिडी मिलती है और अन्य वर्गों के लिए 50 से 70% की सब्सिडी दी जाती है। 

2) स्वयंरोजगार के अवसर

मुख्यमंत्री पशुधन योजना से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्त्पन्न होते है। जिसमें युवा खुदका पशुपालन और डेयरी उद्योग करके कमाई कर सकते है। इसमें अंडे, मांस, दूध आदि बेचकर अच्छा मुनाफा किया जा सकता है। साथ ही पशुपालन से जुड़ा प्रशिक्षण और सहायता भी सरकार द्वारा दी जाती है। 

3) परिवार की आय में वृध्दि

ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के साथ साथ यह पशुपालन का व्यवसाय कई परिवारों की आय की बढ़ाता है। खेती से 3 से 6 महीनों के बाद मुनाफा होता है; पर दूध, मांस, अंडे बेचकर  परिवार अपनी रोजीरोटी कमा सकते है। 

4) देश मे पशुपालन व्यवसाय में वृध्दि

भारत के कृषिप्रधान देश है, और अन्य देशों से कई गुना ज्यादा यहाँ किसान खेती करते है। यदि खेती के साथ साथ यह व्यवसाय भी जुड़ जाए तो देश विकास की ओर बढ़ेगा। 

5) पशुपालन निर्देशालय योजनाओ का लाभ

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में कई तरह की अन्य योजनाओं का भी लाभ दिया जाता है। जिनमें बकरा विकास योजना, सुकर विकास योजना, कुक्कुट पालन योजना, बत्तख चूजा वितरण योजना आदि सब शामिल है। 

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की पात्रता क्या है?

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का लाभ उठाने के लिए कई तरह की खास पात्रताओ को रखा गया है, ताकि सही लाभार्थियों तक योजना पहुच सके। इसमें जितने भी मापदंड है उन्हें पूरा करने वाले लोग ही अनुदान का लाभ उठा पाएंगे। 

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की पात्रता सूची

    1. झारखंड के ग्रामीण निवासित व्यक्ति
    2. ऐसे लोग जिनका पशुपालन और डेयरी फार्मिंग का व्यवसाय पहले से ही रहा हो, या फिर जिन्हें इसका ज्ञान है।
    3. अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति, बीपीएल परिवार से आनेवाले लोग पात्र होंगे।
    4. स्वयंसहायता संघ से जुड़ी हुई महिलाएं भी योजना के पात्र है।
    5. आवेदक के पास जाती प्रमाणपत्र और निवासी प्रमाणपत्र होना ही चाहिए।

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में कैसे आवेदन करना है?

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया को बेहद सरल रखा गया है। इसलिए इसकी सारी प्रक्रिया सरकार द्वारा एक क्रम में होगी। यानी अन्य योजनाओ की तरह इसमें ना ही पहले जाकर फॉर्म भरना है, और ना ही Mukhyamantri Pashudhan Yojana Jharkhand Online Apply करना है। इसमें प्रक्रिया कुछ अलग है। 

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की प्रक्रिया

स्टेप 1 - राज्य में से कुछ जिलों का चयन होगा

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की आवेदन प्रक्रिया की शुरुवात में, सबसे पहले कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग झारखंड द्वारा कुछ जिलों की सूची तैयार की जाएगी, जिसमें ऐसा गाँव आते है जिनमे पशुपालन या खेती मुख्य व्यवसाय में से एक है।

स्टेप 2 - हर जिलों से कुछ गाँवो का चयन होगा

चयनित जिलों को एक आदेश भेजा जाएगा, जिसके बाद हर जिले में से ऐसे गाँव चुने जाएंगे, जहाँपर पशुपालन से लोगो का जीवन बेहतर हो सकता है। फिर उन गावो के ग्रामपंचायत में जिलों द्वारा आदेश भेजा जाएगा।

स्टेप 3 - ग्राम सभा मे आवेदन हेतु लाभार्थियों का चयन होगा

गाँव मे एक ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की पात्रताओं को ध्यान में रखकर प्रखंड स्तरीय समिति द्वारा कुछ लोगो का चयन किया जाएगा। इसमें ऐसी कोई सिमा नही तय की गई है, की हर एक गाँव से कितने लोगों को लाभ मिलेगा। इसलिए जितने भी लोग पात्रताओं में आते है उन सबकी एक सूची बनाकर प्रखंड कार्यालय/ जिला पशुपालन कार्यालय में भेजा जाएगा। 

स्टेप 4 - लाभार्थियों को आवेदन करना होगा

इसके बाद, प्रखंड कार्यालय में जाकर, उन सभी लोगो को आवेदन करना होता है, जिन्होंने सूची में अपना नाम दर्ज कराया था। प्रखंड या फिर जिला पशुपालन कार्यालय में ‘मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना फॉर्म’ प्राप्त होगा, वहाँपर फॉर्म भरकर आवश्यक दस्तावेजों को जोड़कर देना है।

स्टेप 5 - लाभार्थियों का अंतिम चयन

फॉर्म सबमिट करने के बाद, फॉर्म की जांच होगी, दस्तावेजो कि जांच होगी और कुछ दिनों बाद, लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जाएगा। इसमें सरकार द्वारा ही कुछ ऐजेंसीयो को चुना गया है, जहाँसे आवेदक बकरा, बकरी, गाय, सुकरी, बत्तख, मुर्गियां आदि खरीद सकती है। या फिर किसी भी अन्य संस्था से खरीदकर उससे जुड़ी जानकारी देकर अपना अनुदान प्राप्त कर सकते है।

स्टेप 6 - आवेदक को अनुदान दिया जाएगा

खरीदारी की सारी प्रक्रिया होने के बाद, आवेदन स्वीकार होने के बाद, लाभार्थियों के बैंक खाते में अनुदान की राशि भेजी जाएगी। 


इसप्रकार से मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में आवेदन करने से पशुपालन के लिए अनुदान दिया जाएगा। इसमें आवेदक जो भी पशु खरीदना चाहे खरीद सकता है, और हर किसी की कीमत तय की गई है। जैसे बकरा 4 से 5000₹ में मिलेगा, सुकर में मादा 6000₹ और नर 10000₹ में मिलेगा, लेयर बर्ड 35₹ प्रति नग मिलेगी, ब्रॉयलर 30₹ प्रति नग मिलेगी, और बत्तख के चूजे 102₹ प्रति पक्षी के हिसाब से दिया जाएगा। यह सब दर सरकार द्वारा ही रखे गए है और इनकी खरीदारी पर ही सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना 2024 - 25 में लगनेवाले दस्तावेज

मुख्यमंत्री पशुधन योजना झारखंड form 2024 भरने से पहले कुछ दस्तावेजों को जमा कर ले। क्योंकि बिना इसके आपका आवेदन कभी स्वीकार नही होगा। 

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के दस्तावेज

    1. आवेदक का आधार कार्ड
    2. जाती प्रमाणपत्र
    3. निवासित प्रमाणपत्र
    4. आय प्रमाणपत्र
    5. बीपीएल प्रमाणपत्र
    6. बैंक खाता पासबुक

यह सभी दस्तावेज ओरिजिनल होने चाहिए, क्योंकि जब प्रखंड समिति द्वारा गाँव मे चयन प्रक्रिया होगी तब यह दस्तावेज उनके द्वारा चेक किये जायेंगे। यदि इसमें से एक भी दस्तावेज यदि कम होता है तो आपका नाम चयन सूची में नही डाला जाएगा।

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, झारखंड की एक खास योजना है, जिसके माध्यम से झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगो को पशुपालन और डेयरी उद्योग के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना के माध्यम से गरीब परिवार के युवाओं को स्वयंरोजगर हेतु पशुपालन और डेयरी उद्योग के लिए बकरी, बकरा, गाय, बत्तख, सुकर, कुक्कुट खरीदने हेतु मदद की जाती है। महज कम रेट में सरकारी संस्थानों द्वारा यह पशु किसानों को दिए जाते है और इसपर 50% से 90% का अनुदान भी दिया जाता है। 


मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का लाभ उठाने के लिए शुरुआत में प्रखंड स्तरीय समिति द्वारा लाभार्थियों की नियुक्ति की जाती है। नियुक्त किये हुए लोगो को प्रखंड कार्यालय या पशुपालन विभाग में जाकर फॉर्म भरके देना होता है, जिसके पश्चात लाभार्थियों को पशु खरीदारी के पूरे खर्चे पर 90% तक की सब्सिडी सीधा बैंक खाते में दी जाती है। 


यदि आप भी झारखंड के ग्रामीण इलाके में रहते है, और पशुपालन आपका खानदानी व्यवसाय रहा है, तो आज ही अपने जिला पशुपालन कार्यालय में जाकर मुख्यमंत्री पशुधन योजना का फॉर्म भरे और लाभ पाए।