परिचय
गोबरधन योजना: यह सरकार द्वारा 2018 में शुरू की गई योजना है, जिसके माध्यम से किसानों और पशुपालकों को गोबर, जैविक कचरे को बेचकर पैसा मिलता है। यह एक तरह का द्वितीय व्यवसाय है जो किसानों की आय को दुगना करने में मदद करता हैं। किसानों द्वारा बेचे गए गोबर और कचरे को एनारोबिक डाइजेशन तकनीक की सहायता से बायोगैस, जैविक खाद और बायो सीएनजी में तब्दील किया जाएगा, जिसे छोटे उद्योगों को बेचा जाएगा। गोबरधन योजना की इस पहल से, पर्यावरण पूरक ऊर्जा उत्पन्न होगी और साथ ही कई ग्रामीण इलाकों का विकास होगा। और यदि कोई किसान, संस्था, या उद्यमी बायोगैस/बायो सीएनजी प्लांट लगाना चाहता है तो उसे सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जाएगा।
तो चलिए, आजकी इस पोस्ट के माध्यम से गोबर धन योजना के लाभों से लेकर आवेदन तक की प्रक्रिया को विस्तार से जानते है।
Govardhan Yojana Overview
गोबरधन योजना क्या है?
गोबर-धन योजना (Galvanizing Organic Bio-Agro Resources Dhan) का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों के गोबर और जैविक कचरे को ऐसे उत्पाद में तब्दील करना है, जिससे पर्यावरण को भी लाभ मिले और किसानों को भी आय का स्त्रोत निर्माण हो सके। यह योजना स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत शुरू की गई है। गोबरधन योजना से देश के सभी ग्रामीण इलाको में गोबर और जैविक कचरे को जैविक खाद, बायोगैस, बायो सीएनजी में बदला जाएगा, जिससे ग्रामीण इलाकों में कम कीमत में ऊर्जा मिलेगी, रासायनिक खतों का इस्तेमाल बंद होगा, किसानों और पशुपालकों को अतिरिक्त आय का स्त्रोत उत्पन्न होगा।
गोवर्धन योजना में वैसे तो गोबर और जैविक कचरे (सब्जिया, पत्ते, फूल, फल, रसोई से निकलने वाला कचरा) को उत्पाद बनाकर बेचना है। पर इसमें किसानों और पशुपालकों को कई तरह के अवसर मिलते है, जैसे कि वह गोबर और जैविक कचरे को बेच सकते है, बायोगैस का उत्पादन स्वयं कर सकते है, जिसके लिए सरकार से लोन और सब्सिडी मिलती है। यह योजना पूरे देश के लिए एक कल्याणकारी योजना की तरह काम करती है, जिसका लाभ सामान्य किसानों, छोटे उद्योगों और ग्रामीण इलाकों को मिलता है।
गोबरधन योजना का उद्देश्य
- कृषि और पशुपालन से निकलने वाले कचरे को प्रबंधन
- ग्रामीण इलाकों में गोबर और जैविक कचरे से आर्थिक लाभ
- किसानों की आय को दुगना करना
- बायोगैस प्लांट से उद्योग को बढ़ावा
- ग्रामीण क्षेत्रों में बीमारियों को कम करना
Govardhan portal क्या है?
गोबरधन पोर्टल जिसे एकीकृत पंजीकरण पोर्टल भी कहते है यह एक डिजिटल प्लेटफार्म है जिसके माध्यम से योजना से जुड़ी जानकारी और लाभ प्राप्त की जा सकती हैं। इस पोर्टल पर किसानों, पशुपालको, ग्रामपंचायत, उद्योगों को गोबरधन योजना की विस्तृत जानकारी उपलब्ध की जाती है।
Govardhan portal की कुछ विशेषताएं
1) गोबरधन योजना से जुड़ी जानकारी दी जाती है
Govardhan portal पर योजना से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी दी जाती है। इसमें आवेदन करने से लेकर, क्या लाभ मिलेंगे, किस तरह से योजना काम करती है, सबकुछ दिया होता है। किसानों और ग्रामपंचायतो को योजना में भाग लेने के लिए सम्पूर्ण प्रक्रिया दी हुई होती हैं।
2) योजना में आवेदन किया जा सकता है
पोर्टल के माध्यम से किसानों को यदी जैविक कचरा, गोबर आदि बेचना है तो वह कर सकते है। इसके अलावा किसान या पशुपालन स्वयं ही बायोगैस संयंत्र लगाना चाहता है, या फिर जैविक उत्पाद बनाना चाहता है तो इसके लिए आवेदन कर सकते है।
3) आवेदन की स्थिति पता कि जा सकती है
बायोगैस संयंत्र लगाने के बाद उसकी प्रगति की ट्रैकिंग इस गोबरधन पोर्टल के माध्यम से की जा सकती है। योजना के माध्यम से यदि उद्यमी ने बायोगैस संयंत्र हेतु आवेदन किया है तो उसकी स्थिति यहाँसे चेक की जा सकती है।
4) आर्थिक सहायता और सब्सिडी
किसानों को यदि बायोगैस संयंत्र या फिर अन्य जैविक उत्पादन बनाने है तो इसके लिए मार्गदर्शन और आर्थिक सहायता पोर्टल से ही मिलती है। इसमें यदि आपको लोन के लिए आवेदन करना है या फिर सब्सिडी का लाभ उठाना है तो पोर्टल के माध्यम से की जा सकती है।
5) गोबरधन योजना से जुड़े अपडेट्स
गोबरधन योजना में यदि किसी भी तरह के बदलाव होते है तो गोबरधन पोर्टल पर उसके बारेमें समाचार प्रस्तुत किये जाते है।
इसप्रकार से, योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने से लेकर, योजना में आवेदन करने तक के सारे काम Govardhan Portal के माध्यम से हो जाते है। आगे हम बात करेंगे गोबरधन योजना से जुड़े लाभों के बारेमें।
गोबरधन योजना से मिलने वाले लाभ
गोबरधन योजना का लाभ किसानों को, महिलाओं को, पशुपालको को, उद्यमियों और निवेशकों को, ग्रामपंचायतो और स्वयंसहायता समूह को मिलता हैं। इसमें आर्थिक लाभ, कृषि लाभ, स्वास्थ्य लाभ, पर्यावरण लाभ, सामाजिक लाभ जैसे कई लाभ मिलते है।
गोबरधन योजना के लाभों की सूची
1) किसानों और पशुपालको के लिए लाभ
गोबरधन योजना के माध्यम से कृषि और पशुपालको को गोबर और जैविक कचरे से पैसा कमाने का अवसर मिलता है। यह सभी कचरा किसानों और पशुपालको द्वारा गाँव मे ही बेचा जाता है, जिसके उन सरकार निर्धारित रेट के अनुसार प्रति किलो/प्रति टन से पैसे दिए जाते है। यह कचरा जो ऐसे ही गाँव मे बीमारियों का कारण भी हो सकता है, उसे बेचकर किसान अपनी आमदनी को बढ़ा सकते है।
2) ग्रामपंचायत और गाँव को मिलने वाले लाभ
गाँव मे गोबर, और जैविक कचरे का प्रबंधन सही से नही किया जाता है। सब लोग इसे अपने घरके पीछे या गाँव मे कई पर भी डाल देते है जिससे कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। पर gobardhan yojana के माध्यम से आब गाँव मे ही ऐसे स्टोरेज बनाए जाते है, जिनमे इन सभी जैविक कचरे को जमा किया जाता है। इन जमा कचरे के बदले किसानों को पैसे मिलते है। गाँव मे स्टोरेज बनाने के लिए ग्रामपंचायत को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। साथ ही गाँव मे भी बायोगैस और बायो सीएनजी जैसे प्रकल्पों को शुरू किया जाता है, ताकि गाँव मे कम रेट में ऊर्जा उपलब्ध की जा सके।
3) उद्यमियों को मिलने वाले लाभ
गोवर्धन योजना से गोबर और जैविक कचरे को जैविक उत्पाद में बदल दिया जाता है। इससे बायोगैस, बायो सीएनजी जैसे ईंधन बनाए जाते है साथ ही जैविक खाद का भी निर्माण किया जाता है जो कृषि में बेहद लाभकारी है। जो भी नए उद्यमी है जिन्हें बायोगैस या बायो सीएनजी प्लांट्स बनाना है उन्हें सरकार द्वारा gobardhan yojana के माध्यम से आर्थिक सहायता, लोन और सब्सिडी जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। यह लाभ किसानों को भी मिलता है, यदि कोई किसान स्वयं बायोगैस प्लांट शुरू करना चाहता है तो सरकार द्वारा उसे पूरी सहायता और मार्गदर्शन किया जाता है।
4) निवेशकर्ताओं को मिलने वाले लाभ
बायोगैस और बायो सीएनजी प्लांट बनाने के लिए, सरकार द्वारा सहायता और सब्सिडी जैसे लाभ मिलते है। क्योंकि यह योजना सरकार के कई मंत्रालयों की सामुहिक पहल है तो इसमें पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय, नवीन अक्षय ऊर्जा मंत्रालय, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग आदि विभाग शामिल है। इसके माध्यम से निजी उद्यमी बॉयोगैस बनाकर उसे बेच सकते है, उससे ऊर्जा बना सकते है। साथ ही जैविक उत्पादों का निर्माण कर उसे शहरों में ऊंचे दामो पर बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते है।
5) पर्यावरण को मिलने वाले लाभ
कोयला, पेट्रोल, डीज़ल आदि चीजों से बिजली बनाने की प्रक्रिया से पर्यावरण में कई तरह के प्रदूषण उत्पन्न हो जाते है। यदि गोबर और जैविक कचरे से बिजली उत्पन्न की जाए तो प्रदूषण कम हो सकता हैं। साथ ही पर्यावरण में स्वच्छता बनी रहेगी और कम कीमत में ऊर्जा का साधन उत्पन्न होगा।
6) ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर
बायोगैस और बायो सीएनजी जैसे प्रोजेक्ट्स से गाँव मे ही रोजगार के अवसर निर्माण होते हैं। साथ ही जो लोग खुदका व्यवसाय शुरू करना चाहते है वह भी जैविक खाद बनाने या बेचने का व्यवसाय कर सकते है, इसमें सरकार भी सहायता करती है।
इसप्रकार गोबरधन योजना के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में रोजगार से लेकर आर्थिक सहायता जैसे कई लाभ मिलते है। महिलाओं को सुरक्षित गैस, किसानों को अतिरिक्त आय और गाँव का विकास इस योजना के माध्यम से होता है।
गोबरधन योजना की पात्रता क्या है?
अभी तक पूरे देशभर में लगभग 90% राज्यों में गोबरधन योजना लागू की गई है और इसका लाभ सभी ग्रामीण क्षेत्रों द्वारा लिया जा रहा है। इसके लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों, पशुपालको, उद्यमियों और ग्रामपंचायतो के लिए पात्रता मानदण्डों को रखा गया है।
गोबरधन योजना की पात्रता सूची
- गोवर्धन योजना का लाभ ऐसे किसानों और पशुपालको को मिलेगा जिनके पास 2 - 3 गाय या गाय के बछड़े या अन्य पशु है।
- जिन लोगो के पास रोज जैविक कचरा या गोबर उत्पादन होता है, वैसे लोग इसके पात्र है।
- योजना का लाभ केवल ग्रामीण क्षेत्रों के लोगो को मिलेगा।
- गोबरधन योजना में ऐसी ग्रामपंचायते भी पात्र होंगी जो गोबर और जैविक कचरा संग्रहण केंद्र बनाना चाहती है।
- ऐसे समूह या समितियां भी योजना के पात्र है जो बायोगैस प्लांट, या गोबर संग्रहण केंद्र बनाना चाहती है।
- केवल ग्रामीण संघटनाओं को ही प्राथमिकता दी जाएगी।
- ऐसे उद्यमी भी योजना के पात्र है जिनके पास बायोगैस प्लांट लगाने के लिए जमीन, प्रशिक्षण और निवेश है।
- जैविक खाद बनाने वाली कंपनिया भी गोबरधन योजना के पात्र है।
यह कुछ पात्रताए है जो व्यक्तिगत और संघटन के लिए है। योजना में आवेदन करने से पहले यह जरूर सुनिश्चित करे कि आपके पास आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध है।
गोबरधन योजना में कैसे आवेदन करना है?
अब नजर डालते है, गोबरधन योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया पर। वैसे तो व्यक्तिगत रूप से आवेदन करने की और ग्रामपंचायत या संघटन द्वारा आवेदन करने की प्रक्रिया एक जैसी ही है, केवल दस्तावेज भिन्न है। इसमें ऑनलाइन माध्यम से शुरुआती आवेदन प्रक्रिया दी गई है, पर उसके बाद आवेदन प्रक्रिया ऑफलाइन माध्यम से की जाती है।
बता दे कि, यदि किसानों/पशुपालको को अपने जैविक कचरे के गोबर को बेचकर लाभ प्राप्त करना है तो उसके लिए किसी भी प्रकार की कोई आवेदन प्रक्रिया नही है। इसके लिए व्यक्ति को केवल अपने ग्रामपंचायत से संपर्क करना है, यदि ग्रामपंचायत ने गोबर संग्रहण केंद्र स्थापित किया है तो वह आपसे गोबर और जैविक कचरा खरीदेगी, पर यदि ग्रामपंचायत द्वारा ही गोबर संग्रहण केंद्र या बॉयोगैस प्लांट नही बनाया गई है तो वह आपको लाभ नही दे सकती है। इसके लिए नीचे दी हुई प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से स्वयं किसान/पशुपालक, ग्रामपंचायत, उद्यमी, संघटन इनमें से कोई भी बायोगैस प्लांट, बायो सीएनजी, या फिर गोबर संग्रहण केंद्र का निर्माण कर सकती है, जिसके लिए सरकार द्वारा आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है।
गोबरधन योजना की आवेदन प्रक्रिया (उद्यमी,संघटना,ग्रामपंचायत के लिए)
स्टेप 1 - गोबरधन योजना में रजिस्ट्रेशन करें
गोबरधन योजना से बायोगैस, बायो सीएनजी प्लांट बिठाने के लिए सबसे पहले आवेदक/संघटना को Gobardhan unified registration portal (https://gobardhan.sbm.gov.in/registration-overview) पर जाना होगा। जहाँ आपको One time registration की प्रक्रिया करनी होगी।
स्टेप 2 - लॉगिन आईडी और पासवर्ड प्राप्त करें
Govardhan portal पर आने के बाद, आपको अपनी सभी जानकारी दर्ज करनी है। जैसे कि आपका नाम, यूजर आईडी, पासवर्ड, ईमेल आदि। साथ ही ईमेल वेरफिकेशन करना है, और रजिस्ट्रेशन फॉर्म को सबमिट करना है।
स्टेप 3 - लॉगिन करें
जैसे ही रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा, आपको वापस से गोवर्धन पोर्टल के मुख्य पेज पर वापस आना है। इसमें ऊपर ‘लॉगिन’ का टैब दिखेगा, उसपर क्लिक करना है, और अपने लॉगिन आईडी और पासवर्ड से लॉगिन करना है।
स्टेप 4 - आर्गेनाईजेशन रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरे
लॉगिन करने के बाद, आपका गोवर्धन योजना फॉर्म खुल जायेगा, इसमें आपको 2 पार्ट्स में अपनी प्रक्रिया को पूरा करना है। सबसे पहले आर्गेनाईजेशन रजिस्ट्रेशन फॉर्म पूरा करना है, उसके बाद प्रोजेक्ट्स डिटेल्स को पूरा करना है।
पहले आर्गेनाईजेशन रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर क्लिक करे और आवश्यक जानकारी को दर्ज करें। इसमें आपके संस्था का नाम, पता, संस्था का रजिस्ट्रेशन नंबर, रजिस्ट्रेशन तारीख, पैन नंबर, GST नंबर आदि सब दर्ज करें और फॉर्म को सेव करें। आपका पार्ट 1 की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
स्टेप 5 - प्रोजेक्ट डिटेल्स की प्रक्रिया (पार्ट 2)
अब डैशबोर्ड पर वापस आने के बाद, दूसरे विकल्प ‘प्रोजेक्ट डिटेल्स’ पर क्लिक करें। इसमें ‘add new project’ पर क्लिक करें। एक फॉर्म खुल जायेगा, इसमें अब आपको विस्तृत जानकारी दर्ज करनी है, और यह महत्वपूर्ण हिस्सा है आवेदन का, इसलिये सबकुछ आराम से और अच्छेसे बिना किसी गलती के दर्ज करें।
स्टेप 6 - प्रोजेक्ट डिटेल्स की 5 प्रक्रियाएं
इसमें आपको अभी कुल 5 प्रक्रिया को पूरा करना है। जिसमें बेनेफिशरी सपोर्ट, प्रोजेक्ट डिटेल्स, लोकेशन डिटेल्स, फाइनेंसियल डिटेल्स और सेल्फ सर्टिफिकेशन आदि शामिल है।
- सबसे पहले आपको ‘कौनसा प्लांट शुरू करना है’ (बायोगैस/बायो सीएनजी) यह दर्ज करें।
- आपके पास किस प्रकार का जैविक कचरा उपलब्ध है वह दर्ज करें।
स्टेप 7 - बेनेफिशरी सपोर्ट
इसमें सरकार के किस डिपार्टमेंट से आपको सहायता चाहिए वह चुनिए। इसमें कई सारे विभागों की सूची दी है, आपको उनमें से चुनना हैं और आगे बढ़ना है।
स्टेप 8 - प्रोजेक्ट डिटेल्स
अब आपको अपने प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी दर्ज करनी है। जैसे आपको कितना बड़ा प्लांट सेट करने है, कैपेसिटी, आउटपुट आदि सब दर्ज करना है। इसके साथ कितना किलो/टन जैविक कचरे का इस्तेमाल होगा, जैविक कचरे का प्रकार आदि सब दर्ज करना हैं और आगे बढ़े।
स्टेप 9 - लोकेशन डिटेल्स
इस सेक्शन में आपको अपने प्लांट का पता दर्ज करना है। इसमें geo लोकेशन भी दर्ज करनी हैं। पते का पूरा विवरण यहाँपर देना है, और आगे बढ़ना है।
स्टेप 10 - फाइनेंसियल डिटेल्स
इसमें आपके कंपनी का टोटल CAPEX दर्ज करना है, पूर्व फंडिंग सोर्सेस की जानकारी देनी है और कितना फण्ड मिला है वह भी दर्ज करना है।
स्टेप 11 - सेल्फ सर्टिफिकेशन
अंत मे 2 डिक्लेरेशन यानी नियम एवम शर्ते दी हुई है, उन्हें सिलेक्ट करना है और आगे बढ़ना है। आपका फॉर्म सबमिट हो जाएगा।
फॉर्म सबमिट होने के बाद, आप अपने डैशबोर्ड में आकर अपने आवेदन को देख सकते है, और फॉर्म प्रिंट डाउनलोड भी कर सकते है।
स्टेप 12 - ईमेल पर रजिस्ट्रेशन सर्टिफीकेट प्राप्त होगा
जैसे ही आपका आवेदन सबमिट सो जाएगा, कुछ ही समय बाद आपके रजिस्टर ईमेल पर गोबरधन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त होगा। इसके माध्यम से ही गोबरधन योजना में लाभ प्राप्त किये जा सकते है।
गोबरधन योजना के लिए लगनेवाले दस्तावेज
गोबरधन योजना में आवेदन करने के लिए, कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती हैं। यह दस्तावेज व्यक्ति, संस्था और उद्यमों के लिए अलग अलग है।
गोवर्धन योजना के दस्तावेजों की सूची
- आवेदक का आधार कार्ड
- CIN नंबर/संस्था का रजिस्ट्रेशन नंबर
- पैन कार्ड (व्यक्ति/संस्था/कंपनी)
- GST नंबर
- प्लांट/प्रोजेक्ट से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी
- कंपनी के फाइनेंसियल डिटेल्स जैसे कि CAPEX
- ईमेल आईडी
- मोबाइल नंबर
निष्कर्ष
गोबरधन योजना से ग्रामीण इलाकों में गोबर और जैविक कचरे को बेचने पर आर्थिक लाभ दिया जाता है। यह योजना पूरे देशभर में 2018 से लागू की गई है। इसके तहत किसानों और पशुपालको को अतिरिक्त आय का स्त्रोत उपलब्ध करके दिया जाता है। सके माध्यम से जो भी गोबर और जैविक कचरा जमा होता है, उसे जमा करके आगे बेचने का काम ग्रामपंचायतो को दिया जाता है, जिसके माध्यम से वह भी अर्थिक लाभ प्राप्त करती है। इसके बाद बेचा हुआ गोबर और जैविक कचरा संस्थाओं/उद्यमियों द्वारा खरीद लिया जाता है, और उससे बायोगैस, बायो सीएनजी, जैविक खाद, जैविक उत्पादन बनाए जाते है और उन्हें ग्रामीण इलाकों में रसोई में, बिजली उत्पन्न करने के लिए और खेती के लिए कम दामो में दिया जाता है। साथ ही उद्यमियों द्वारा शहरों में भी इसे बेच जाता हैं।
इसप्रकार से गोबरधन योजना पूरे देशभर में चल रही है, और इससे केवल व्यक्तिगत ही नही बल्कि संस्थागत और उद्यमियों को भी इसका लाभ मिल रहा है। इसके अलावा इस सम्पूर्ण योजना से जुड़ने वाले सभी लोगो को सरकार द्वारा लोन एलन में सहायता, मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और सब्सिडी जैसी सुविधाएं भी दी जाती है।
यदि आप भी गोवर्धन योजना का लाभ लेना चाहते है, तो आज ही govardhan portal पर अपना रजिस्ट्रेशन करें और आवेदन प्रक्रिया को पूरा कर गोबरधन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करें।
अक्सर पूछे जानेवाले सवाल
1) गोवर्धन योजना कब शुरू हुई थी?
गोवर्धन योजना 2018 में पूरे देशभर में शुरू की गई। यह स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत शुरू की गई है।
2) गोवर्धन योजना के तहत पूरे भारत में कितने बायोगैस संयंत्र कार्यरत हैं?
एकीकृत पंजीकरण पोर्टल के अनुसार बताया जाए तो 1600 से अधिक बायोगैस संयंत्र फिलहाल कार्यरत है। भविष्य में यह ओर बढ़ने की संभावना है।
3) गोवर्धन के लिए एकीकृत पंजीकरण पोर्टल का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
एकीकृत पंजीकरण पोर्टल का मुख्य उद्देश्य गोबरधन योजना से जुड़ी जानकारी देना, पंजीकरण और आवेदन प्रक्रिया को आसान करना, सरकारी सहायता और अनुदान का वितरण करना, आवेदन की स्थिती की जांच करना आदि है।
4) गोबर-धन योजना की शुरुआत किस राज्य से हुई थी?
गोबर-धन योजना की शुरुआत की एक राज्य से नही हुई थी। यह एक राष्ट्रीय योजना है, इसलिए इसे पूरे देशभर में ग्रामीण क्षेत्रों में लागू किया गया।
5) गोवर्धन योजना से ग्रामीण लोगों को क्या लाभ होगा?
गोवर्धन योजना से ग्रामीण लोगो को अतिरिक्त आय का साधन मिलेगा, कचरा साफ होगा तो प्रदूषण नही होगा, गाँव मे स्वच्छता बनी रहेगी और बीमारियां नही फैलेगी। और कम कीमत में उच्च स्तर की ऊर्जा और गैस मिलेगी।
6) गोवर्धन योजना क्या है?
गोवर्धन योजना के माध्यम से जैविक कचरे और गोबर से ऐसे उत्पाद निर्माण करना है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो और उन्हें लाभ मिल सके। इसलिए इसके माध्यम से बायोगैस और बायो सीएनजी, जैविक खाद आदि बनाया जाता है, और ये सब बनाने के लिए लगनेवाला गोबर और जैविक कचरा किसानों और पशुपालको से किलो के भाव से खरीदा जाता हैं जिससे किसानों को अतिरिक्त आय का लाभ मिलता है।
7) गोबरधन योजना किस मंत्रालय के अंतर्गत है?
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत गोबरधन योजना चलाई जा रही है। पर इसमें अन्य कई मंत्रालय भी शामिल है।
8) गोबरधन योजना का full form क्या है?
गोबरधन योजना का अंग्रेजी अनुवाद GOBARdhan ऐसा है। इसमें GOBARdhan का full form Galvanizing Organic Bio-Agro Resources Dhan ऐसा है।
9) गोबरधन प्रोजेक्ट को कैसे लगाया जाता है?
गोबरधन प्रोजेक्ट के सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामपंचायत द्वारा संग्रहण केंद्र का निर्माण किया जाता है, इसके माध्यम से किसानों और पशुपालको से गोबर और जैविक कचरा खरीदा जाता हैं। इसके बाद गोबरधन योजना में आवेदन कर बायोगैस/बायो सीएनजी प्लांट लगाने के लिए निवेश का आर्थिक सहायता की मांग की जाती है। जब आवेदन स्वीकार होता है, तब सरकारी अनुदान और मार्गदर्शन से बायोगैस प्लांट्स को बिठाया जाता है और उसके जरिये बायोगैस, जैविक खाद, अन्य उत्पादों को बनाकर ग्रामीण इलाकों में कम दामो में बेचा जाता हैं।
10) गोबरधन योजना में आवेदन करने के लिए कोई फीस देनी पड़ती है?
नही! यह एक सरकारी अनुदान पर आधारित मुफ्त योजना है, इसमें बायोगैस प्लांट लगाने के लिए सरकार द्वारा सहायता और सब्सिडी दी जाती है।
11) क्या gobardhan yojana में किसान भी आवेदन कर सकते है?
हाँ! gobardhan yojana में किसान भी आवेदन कर सकता है, पर इसके लिए उनके पास अपनी खुद की जमीन होनी चाहिए, जितना बायोगैस प्लांट के लिए आवश्यक है। और साथ ही किसान के पास कम से कम 3 गायें या फिर अन्य पशु होने चाहिए।
12) पहले से बायोगैस प्लांट रहने पर पुनः आवेदन किया जा सकता है क्या?
हाँ! यदि किसी के पास पहले से बायोगैस प्लांट है पर वह पुनः आवेदन कर योजना का लाभ प्राप्त करना चाहता है। तो वह अपनी दूसरी किसी भूमि के लिए बायोगैस प्लांट के लिए आवेदन कर सकता हैं। इसके लिए जो भी दस्तावेज आवश्यक होंगे वह जमा करने अनिवार्य होंगे।
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