परिचय
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना - कोविड के समय मे देशभर में कई बच्चो के माता पिता उनसे दूर हो गए, ऐसे में अनाथ बच्चो की सहायता हेतु देशभर में कई योजनाएं बनाई गई। ऐसी ही एक योजना है मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना। यह अनाथ बच्चो को 18 साल की उम्र होने तक आर्थिक सहायता प्रदान करता है। हर महीने 4000₹ की आर्थिक सहायता के माध्यम से बच्चो की शिक्षा की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना द्वारा ली जाती है। आगे हम योजना को विस्तार से समझेंगे, इसलिए पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना क्या है?
देशभर में अनाथ बच्चो के लिए और कोविड के समय मे अनाथ हुए बच्चो के लिए कई योजनाओं की शुरुवात की गई हैं। मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना भी ऐसी ही एक योजना है जिसके माध्यम से अनाथ बच्चो को 18 साल की उम्र तक 4000₹ महीना आर्थिक सहायता दी जाती है और 18 साल के बाद उन्हें अच्छी शिक्षा देकर समाज मे पुनर्स्थापित करने में सहायता की जाती है। कई अनाथ बच्चे अपने परिजनों या रिश्तेदारों के यह रहते है, ऐसे में उन्हें भी 4000₹ महीने की आर्थिक सहायता दी जाती है।
2015 में शुरू में मध्यप्रदेश सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी। तबसे अभी तक लगभग 6269 से अधिक बच्चो को स्पॉन्सरशिप की सुविधा दी गई है और 60 से अधिक बच्चो को ऑफ्टरकेयर की सुविधा दी गई है। स्पॉन्सरशिप में छोटे अनाथ बच्चो को 18 वर्ष होने तक 4000₹ की आर्थिक सहायता दी जाती हैं। यदि बच्चे अपने परिजनों या रिश्तेदारों के पास रहते है तो उनको यह राशि दी जाती है ताकि बच्चो की सही से देखभाल हो। ऑफ्टरकेयर (केयर लिवर) में जो भी अनाथ बच्चे 18 वर्ष या उससे अधिक है उन्हें शैक्षणिक सहायता दी जाती है। बच्चो को 12 वी, NEET, JEE, CLAT जैसे परीक्षा को तैयारी के लिए 5 से 8000₹ प्रति माह दिया जाता है।
आगे हम मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के अन्य लाभ, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया के बारेमें विस्तार से जानेंगे।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना से मिलने वाले लाभों की सूची
अनाथ बच्चो के लिए कई तरह के लाभ इस योजना के माध्यम से दिए जाते है, उनके बारेमे विस्तारीत जानकारी कुछ इसप्रकार है -
1) मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना से स्पॉन्सरशिप और ऑफ्टरकेयर, ऐसी दो तरह की सुविधाएं दी जाएगी।
2) छोटे बच्चो को 17 साल की उम्र तक हर महीने 4000₹ की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
3) 18 साल से ऊपर के अनाथ बच्चों को शैक्षणिक सहायता मिलेगी।
4) NEET, JEE, CLAT जैसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए हर महीने 5000 से 8000₹ आर्थिक सहायता दी जाएगी।
5) प्रतिष्ठित संस्थाओं में इंटर्नशिप करने का मौका और इंटर्नशिप के बाद वहिपर रोजगार दिलाया जाएगा।
6) इंटर्नशिप के समय हर महीने 5000₹ का स्टाइपेंड दिया जाएगा।
7) ITI, पॉलीटेक्निक, नर्सिंग जैसे कोर्स करने के लिए कौशल विकास योजना के तहत मुफ्त में स्किल्स सिखाई जाएगी।
8) कम से कम 2 साल तक यह कोर्स होंगे, जिस दौरान 5000₹ का स्टाइपेंड हर महीने दिया जाएगा।
9) मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना में आवेदन ऑनलाइन माध्यम से और पूरी तरह से फ्री में होगा।
10) बच्चो का आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड बनाया जाएगा ताकि उन्हें मुफ्त चिकित्सा सुविधा मिल सके।
इसप्रकार के कई लाभ मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के माध्यम से अनाथ बच्चो को दिए जाते है, ताकि उनका आनेवाला भविष्य उज्ज्वल हो।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का लाभ कैसे लें
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना से मिलनेवाले लाभों के बारेमे तो हमने जान लिया, अब बात करते है की कैसे आप इसका लाभ उठा सकते है। इसकी पूरी प्रक्रिया कुछ इसप्रकार है -
1) योजना का लाभ केवल अनाथ बच्चों के लिए ही है, इसलिए सबसे पहले देखरेख संस्थाओं के अधीक्षक या प्रबंधक के माध्यम से ही बच्चे का इंडिविजुअल केअर प्लान बनाया जाएगा।
2) बड़े बच्चे का यानी 24 साल से कम और 18 वर्ष या उससे ऊपर के बच्चो का डेटा बेस तैयार किया जाएगा। इस डेटाबेस में बच्चे के शैक्षणिक स्थिती के बारेमें बताया जाएगा।
3) इसके बाद मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना की एक गठित समिति का निर्माण किया जाएगा, और उनके द्वारा बच्चो के स्थिती की जांच की जाएगी।
सबकुछ सुनिश्चित होने के बाद ही बच्चो को मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना की पात्रताए
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना Form भरने के पहले उसकी पात्रता के बारेमे जानकारी होना आवश्यक है। यह योजना खास तौर पर अनाथ बच्चो के लिए है, इसलिए इसकी बेहद सामान्य सी पात्रताए रखी गई है -
1) केवल अनाथ बच्चो के लिए ही योजना का लाभ दिया जाएगा।
2) कम से कम 1 साल और ज्यादा से ज्यादा 24 साल तक के बालक और बालिकाओं को आवेदन करने की अनुमति है।
3) बालक देखरेख संस्था में कम से कम 5 साल तक जो बच्चा रहा है उसे ही मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का लाभ दिया जाएगा।
4) घरसे निकाले हुए बच्चे भी पात्र माने जाएंगे।
5) बच्चे को यदि किसी ने गोद नही लिया है तो भी योजना का लाभ मिलेगा।
6) यह योजना मध्यप्रदेश के लिए है, इसलिए केवल मध्यप्रदेश के अनाथ बच्चो को ही लाभ मिलेगा।
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