परिचय
महाऊर्जा कुसुम योजना: महाराष्ट्र के किसानों को अपने खेती में सोलर पंप देने के लिए महाऊर्जा कुसुम योजना की शुरुआत की गई हैं। दरसअल इस योजना को केंद्रीय सोलर पंप योजना जिसे कुसुम योजना भी कहते है उसके साथ जोड़ा गया हैं। इस योजना के वजह से किसानों को अपने खेती में बिना किसी बिजली के सोलर पावर की मदत से पंप का इस्तेमाल करने को मिल पायेगा, जिससे खेती में पानी की समस्या कम होगी और किसानों को अच्छी फसल होगी। साथ ही हर पंप के साथ सोलर प्लांट को भी लगाया जाएगा जिसकी मदद से खेती में लगने वाले अन्य काम जो बिजली की मदद से किये जा सकते है वह भी करना आसान हो जाएगा।
महाऊर्जा कुसुम योजना महाराष्ट्र |
Mahaurja KUSUM Yojana Overview
महाऊर्जा कुसुम योजना क्या है?
पीएम - कुसुम योजना जो कि केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों में चलाई जा रही है उसी का संयुक्त रूप, महाऊर्जा कुसुम योजना है। योजना के जरिए किसानों को सौर पंप और सोलर प्लांट भी बिठाकर दिया जाएगा। इससे किसानों की बिजली की खपत भी होगी और इनकी खरीदारी पर सरकार से सब्सिडी मिलेगी।
Mahaurja kusum yojana से मिलने वाले यह सोलर पंप के वजह से पारंपरिक तरीके से खेतों में पानी पहुचाने की जो तकलीफ किसानों को उठानी पड़ती थी वो कम हो जाएगी। साथ ही पुराने पंप पेट्रोल या डीज़ल पर चलाए जाते थे, वह भी पूरी तरह से बंद हो जाएगा, जिससे इन पंपों द्वारा निकलने वाले धुवें से पर्यावरण की हानि भी नही होगी।
कुसुम योजना का लाभ महाराष्ट्र का हर एक किसान ले सकता है, पर उसके लिए आवेदन करना होगा, और आवेदन करने से पहले कुछ पात्रता मापदंडों को रखा गया है ताकि केवल किसानों तक ही महाऊर्जा कुसुम योजना का लाभ पहुच सके। तो आइए आजके इस पोस्ट में महाऊर्जा कुसुम योजना के बारेमे विस्तार से जानते है।
महाऊर्जा कुसुम योजना के घटक
जैसे कि हमने जाना यह योजना केंद्र सरकार की पहल से प्रेरित है, और उसी का एक समिश्र रूप है। इसलिए इस महाऊर्जा कुसुम योजना को 3 अलग अलग घटकों में बांटा गया है ताकि योजना का उद्देश्य स्पष्ट हो। वह घटक कुछ इसप्रकार है -
घटक A - इसमे किसानों को उनकी खेती में छोटे सोलर प्लांट को लगाकर दिया जाता है।
घटक B - इसके जरिए किसानों को ऑफ ग्रिड सोलर पंप दिए जाते है। यह पंप पूरी तरह से सोलर प्लांट से जुड़े होते है और सूर्य के किरण से इसमें बिजली उत्पन्न होती है।
घटक C - इसमें उन किसानों को मदद दी जाती है, जिनके खेती में पहले से ही पंप लगाया हुआ है। उनके लिए भी सोलर प्लांट लगाकर दिया जाता है और उससे उनके स्थायी पंपों को जोड़ा जाता है।
इसप्रकार किसी भी किसान का नुकसान ना हो इसी बात को मध्यनजर रखते हुए महाऊर्जा कुसुम योजना के इन 3 घटको को बनाया गया है।
कुसुम योजना से मिलने वाले लाभ
कुसुम योजना को महाराष्ट्र में महाऊर्जा कुसुम योजना कहा गया है। इसमें मिलने वाले लाभों की सूची कुछ इसप्रकार है -
महाराष्ट्र के हर एक किसान को महाऊर्जा कुसुम योजना का लाभ दिया जाएगा।
सौर पंप के वजह से पेट्रोल और डीज़ल जैसे जीवाश्म ईंधनों का इस्तेमाल कम होगा।
हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा और पैसों की बचत भी होगी।
समय पर खेती में पानी मिल सकेगा जिससे किसानों की अच्छी फसल होगी और आय में वृध्दि होगी।
खेती में बिजली की जरूरत कम होगी क्योंकि सोलर पावर से सारे काम हो जाएंगे।
सौर पंप के साथ साथ सोलर प्लांट भी बिठाया जाएगा।
फसलों की सिंचाई लागत में कमी होगी।
सौर पंप में लगने वाले पूरे खर्चे पर सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाएगी, इससे हर किसान अपने खेत मे और पंप का इस्तेमाल कर पायेगा।
सौर पंप चलाने के लिए सोलर प्लांट को खेत मे लगाया जाएगा, जिसमे दिन भर में बिजली बनेगी, जितनी बिजली किसान इस्तेमाल कर सकता है, उतनी करने के बाद बची हुई अतिरिक्त बिजली को वह राज्य के पावर ग्रिड को बेच सकते है, जिसके उन्हें पैसे दिए जाएंगे।
कुसुम योजना की पात्रता
महाऊर्जा कुसुम योजना में मिलने वाली सारी सुविधाएं केवल किसानों के लिए ही है इसलिए इसकी पात्रता को बेहद आसान रखा गया है। कुसुम योजना के पात्रता मापदंड कुछ इसप्रकार है -
केवल महाराष्ट्र के किसान ही इस कुसुम सोलर योजना के पात्र है।
जिस किसान के पास पानी का पंप नही है, वह भी आवेदन कर सकता है।
अटल सौर कृषिपंप योजना 1 और 2 का लाभ लिए हुए किसान इस योजना के पात्र नही होंगे।
मुख्यमंत्री सौर कृषिपंप योजना का लाभ भी जिन किसानों ने लिया है वह भी कुसुम योजना के पात्र नही माने जाएंगे।
SC, SC और OPEN जाती के किसान इसके पात्र है।
जिसके पास पहले से बिजली से चलने वाला पंप है, वह भी KUSUM Yojana के पात्र है।
किसान की खुदकी कृषि भूमि (खेती) होना आवश्यक है।
किसान की कृषि भूमि यदि वनपट्टे पर यानी कि जंगली इलाके में आती है तो उसके एवज में 3 अलग अलग दस्तावेज देने होंगे, यह सुनिश्चित करने के लिए की उसके पास की जमीन वनपट्टे की है। (दस्तावेजो कि सूची नीचे दी है)
जिस गाँव मे किसान खेती करता है, वहाँ यदि बिजली की समस्या है तो ऐसे किसानों को महाऊर्जा कुसुम योजना में प्राथमिकता दी जाएगी।
सोलर पंप और सोलर प्लांट बिठाने का कुल ख़र्चा जितना भी आएगा उसमे सरकार द्वारा 80 - 90% की सब्सिडी दी जा सकती है, यह विभागों पर और राज्य एवं केंद्रीय सरकार द्वारा तय किया जाएगा।
यदि आपके पास 1 एकड़ की जमीन है तो 3 HP का सोलर पंप दिया जाएगा। यदि 2 एकड़ है तो 5 HP का और यदी 2 एकड़ से अधिक की कृषिभूमि है तो 7.5 HP का सौर पंप दिया जाएगा।
इस कुसुम योजना की पात्रता PDF के आधार पर ही आनेवाले आवेदनों में से किसानों का चयन होगा और उन्हें महाऊर्जा कुसुम योजना का लाभ दिया जाएगा। यदि किसी कारणवश कोई किसान योजना से वंचित रहता है तो वह अगले साल पुनः आवेदन करके और पात्रताओं को पूरा करके योजना का लाभ उठा सकता है।
महाऊर्जा कुसुम योजना की आवेदन प्रक्रिया
महाऊर्जा कुसुम योजना में आवेदन करने के 2 विकल्प है, पहले तो इस वेबसाइट पर जाकर kusum.mahaurja.com ऑनलाइन तरीके से या फिर दूसरा संबंधित सरकारी कृषि विभाग/ सोलर पंप विक्रेता के पास जाकर आवेदन करना। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी प्रक्रिया ऑनलाइन प्रक्रिया है, क्योंकि ऑनलाइन आवेदन करना बेहद आसान भी है और योजना का लाभ मिलने में देरी नही होगी।
तो कुसुम योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन महाराष्ट्र की प्रक्रिया कुछ इसप्रकार है -
सबसे पहले mahaurja kusum yojana official website पर जाए या फिर यहाँपर क्लिक करे - https://kusum.mahaurja.com/solar/beneficiary/register/Kusum-Yojana-Component-B
इस लिंक के माध्यम से आप सीधा कुसुम योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के जगह पर पहुच जाओगे।
इस फॉर्म को भरने से आपको नया सौर पंप मिलेगा या फिर यदि आपके पास पुराना डीज़ल पंप है तो उसे सोलर पंप में बदलकर दिया जाएगा।
फॉर्म की शुरुवात में सबसे पहले पूछा गया है, की यदि आपके पास डीज़ल पंप है तो हा/नही इसमें से एक चयन करें।
प्रक्रिया 1 - यदि आपके पास डीज़ल पंप नही है
तो पहले हम ‘नही’ वाले विकल्प को चुनते है ताकि नए पंप के आवेदन की प्रक्रिया को समझा सके।
‘नही’ चुनने के बाद, आपको नीचे से अपने फॉर्म को अब सही से भरना शुरू करना है। सबसे पहले अपने ‘आधार नंबर’ को दर्ज करें।
उसके बाद आपका राज्य ‘महाराष्ट्र’ पहले से ही चयन किया हुआ होगा, उसके ठीक बाद अपना ‘जिला’ ‘तालुका’ और ‘गाँव’ चुनें। (जहाँ आपकी कृषि जमीन है वहाँ की जानकारी देनी है)
इसके बाद आपका मोबाइल नंबर दर्ज करना है।
आप किस जाती (SC/ST/OPEN) से आते है, वह दर्ज करें। (यानी कि कास्ट)
आपका ईमेल आईडी (यदि है तो) दर्ज करे।
अब यदि आपकी कृषिभूमि वन पट्टे में यानी कि जंगल के करीबी इलाके में आती है तो (हा/नही) इन विकल्पों में से ‘हाँ’ को चुनें।
ऐसे चुनने के पश्चात आपके सामने एक ‘हमीपत्र’ आएगा उसमें लिखा होगा कि आपकी जमीन वनपट्टे पर यानी जंगली इलाके में आती है जिस कारण आपके पास 7/12 प्रमाणपत्र नही है, इसलिए उसके एवज में आप 3 अलग अलग दस्तावेजों को जोड़ रहे है।
इस ‘हमीपत्र’ के नीचे ‘हाँ’ इस विकल्प के आगे टिक करके ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक करें।
अब महाऊर्जा कुसुम योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन महाराष्ट्र की अंतिम पड़ाव तक हम पहुच चुके है, इसमें अब आपको केवल ‘Payment for online application’ और ‘submit application’ इन दोनों ऑप्शन पर ही क्लिक करना है। और आपका महाऊर्जा कुसुम योजना का फॉर्म सबमिट हो जाएगा।
‘Payment for online application’ पर क्लिक करने पर आपको 100₹ आवेदन फीस ऑनलाइन माध्यम से जमा करनी होगी और फॉर्म को सबमिट करना होगा।
यदि फॉर्म की फीस जमा करते वक़्त आपके फॉर्म में ‘NO Quota’ ऐसा लिखा हुआ आता है, तो इसका मतलब यह है कि आपके केटेगरी में अब आवेदन करने की लिमिट खत्म हो चुकी है। इसलिए ऐसा दिखने में payment ना करें, क्योंकि आपके एकबार पेमेंट करने पर वह रिफंड नही होंगे।
प्रक्रिया 2 - यदि आपके पास पहले से ही डीज़ल पंप है
यदि आपके पास पहले से ही पंप है तो आपको अपना फॉर्म कुछ इसप्रकार भरना है -
सबसे पहले यह चुने की आपके पास डीजल पंप है।
यह चुनने के बाद एक ‘हमीपत्र’ आएगा जिसमें लिखा होगा कि आपके पास पहले से डीजल वाला पंप मौजूद है और इसके बाद यदी आपको महाऊर्जा कुसुम योजना का लाभ मिलता है तो आप केवल सौर पम्प का इस्तेमाल करोगे न कि डीजल पम्प का।
अब आपको चुनना है कि आपका पंप किस तरह का है। इसमे ‘AC’ विकल्प को चुनें।
अब पंप का subtype चुनना है इसमें ‘surface’ विकल्प को चुनें।
आपके पास मौजूद डीज़ल पम्प कितने हॉर्स पावर (HP) का है वह चुने।
इसके बाद आपको चुनना है कि आपका पंप कम बिजली पर चलता है या नहीं।
अब अगले बार मे आपको दर्ज करना है कि आपको सालाना पंप के लिए कितना डीज़ल लगता था। (जैसे 3 लीटर, 10 लीटर आदि।)
बस! केवल इतनी जानकारी भरने के बाद पहले जैसे आपने आधार कार्ड नंबर दर्ज करने से लेकर ऑनलाइन पेमेंट करने तक कि प्रक्रिया 1 की थी वैसे ही करनी है और कुसुम सोलर पंप योजना महाराष्ट्र 2024 फॉर्म को सबमिट करना है।
महाऊर्जा कुसुम योजना में लगनेवाले दस्तावेजो कि सूची
pm-kusum yojana की तरह महाऊर्जा कुसुम योजना में भी केवल नाममात्र दस्तावेजों की मांग की गई है, ताकि समय पर किसानों द्वारा यह सारे दस्तावेज जुटाए जा सके और ज्यादा से ज्यादा किसान कुसुम सोलर पंप योजना महाराष्ट्र 2024 का लाभ उठा सके। दस्तावेजों की सूची कुछ इसप्रकार है -
कृषि भूमि खुदकी है इसका प्रमाणपत्र
आधार कार्ड
वोटिंग कार्ड
किसान का खुदका बैंक खाता पासबुक
यदि पहले से ही बिजली पर चलने वाला पंप है तो उसका बिजली बिल
किसान के पासपोर्ट फ़ोटो
जाती प्रमाणपत्र
मोबाइल नंबर
ईमेल आईडी
आवेदन फीस 100₹
यदि कृषि भूमि वनपट्टे पर है तो उसके दस्तावेज
यदि किसान की जमीन वनपट्टे पर यानी जंगल के पास है तो उसे 7/12 प्रमाणपत्र के बदले में नीचे हुए हुए दस्तावेजों को ऊपर के बाकी दस्तावेजों के साथ जोड़ना होगा।
वनपट्टे प्रमाणपत्र (जिला वन अधिकार समिति से मिला हुआ)
जो जगह वनपट्टे प्रमाणपत्र पर दी है उस जगह पर जलाशय उपलब्ध है इसका तलाठी द्वारा दिया हुआ प्रमाणपत्र
तलाठी द्वारा दिया गया उस जगह का नक्शा जो ये बात सके कि जंगल के किनारे आपकी जगह है।
इन सारे दस्तावेजों के साथ kusum.mahaurja.com login पर जाकर आप अपने आवेदन को सबमिट कर योजना का लाभ उठा सकते है।
निष्कर्ष
महाऊर्जा कुसुम योजना की शुरुआत महाराष्ट्र में मार्च 2019 में हुई तबसे इसके माध्यम से महाराष्ट्र के किसानों को सौर पंप और सोलर प्लांट बिठाकर दिया जा रहा है। pm-kusum yojana से प्रेरित इस योजना के वजह से कई किसानों को अब बिजली पर निर्भर नही रहना होगा, जिन इलाकों में बिजली की समस्या है वहाँपर भी अब किसान सौर पंप की मदद से अपने खेतों में पानी पहुचा सकता है।
यदि आप भी महाराष्ट्र के एक किसान है जिनके पास खुदकी कृषिभूमि है और वह चाहते है कि उनके खेती में भी 12 महीनों तक पानी रहे तो आज ही कुसुम योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करें और सौर पंप का लाभ उठाएं और किसी भी समस्या के लिए कुसुम योजना टोल फ्री नंबर 1800-180-3333 पर सम्पर्क करें।
अक्सर पूछे जानेवाले सवाल - जवाब
1) महाऊर्जा कुसुम योजना के लिए न्यूनतम भूमि कितनी होनी चाहिए?
इसके लिए ऐसा कोई मापदण्ड नही है, पर यदि आपके पास 1 एकड़ की जमीन है तो 3HP की सोलर पंप और उससे अधिक जमीन होने पर, 5HP या फिर 7.5HP का सोलर पंप दिया जाता है।
2) कुसुम सोलर योजना इन महाराष्ट्र क्या है?
कुसुम सोलर योजना इन महाराष्ट्र को ‘महाऊर्जा कुसुम योजना’ के नाम से जाना जाता है। जिसके माध्यम से किसानों को सब्सिडी पर सोलर वॉटर पंप दिए जाते है।
3) पीएम कुसुम योजना कब शुरू हुई?
19 फरवरी 2019 में पीएम कुसुम योजना की शुरुआत हुई।
4) कुसुम योजना टोल फ्री नंबर क्या है?
कुसुम योजना में किसी भी शिकायत का समस्या को दर्ज करने के लिए कुसुम योजना टोल फ्री नंबर 1800-180-3333 दिया गया है। -
5) कुसुम योजना की पात्रता PDF कहाँसे मिलेगी?
कुसुम योजना की पात्रता pdf ऑनलाइन उपलब्ध नही है, पर इसकी पात्रता के बारेमें हमने ऊपर बताया है। जैसे किसान के पास खुदकी कृषि जमीन हो और वह महाराष्ट्र का निवासी नागरिक होना अनिवार्य है आदि।
6) महाऊर्जा कुसुम योजना की अधिकरिक वेबसाइट कौनसी है?
महाऊर्जा कुसुम योजना की अधिकरिक वेबसाइट की लिंक कुछ इसप्रकार है - https://kusum.mahaurja.com/solar/beneficiary/register/Kusum-Yojana-Component-B
7) pm-kusum yojana official website लिंक क्या है?
pm-kusum yojana official website लिंक कुछ इसप्रकार है - https://pmkusum.mnre.gov.in
8) कुसुम योजना के लाभार्थियों का स्टेटस कैसे चेक करें?
Kusum mahaurja com beneficiary status ऐसे google सर्च करने पर आप महाऊर्जा की अधिकरिक वेबसाइट पर पहुच जाओगे जहाँसे आप अपने आवेदन का स्टेटस चेक कर सकते है।
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